मैं सीता बनकर बहुत खुश हूं : साहिबा

साहिबा अहमद इन दिनों बहुत खुश हैं। वजह यह है कि उन्हें दिल्ली की एक रामलीला में सीता की भूमिका निभाने का मौका मिला। उनका कहना है कि मुझे इस बात का फख्र है कि मैं रामलीला में ऐसा किरदार को निभा रही हूं जो हिंदू धर्म में बेहद अहम है। केवल साहिबा ही नहीं बल्कि दिल्ली में हो रही अन्य कई रामलीलाओं में ऐसे कितने ही छोटे-बड़े किरदार हैं जिन्हें मुस्लिम कलाकार निभा रहे हैं।

दरियागंज में रहने वाली साहिबा का कहना है कि वह अपने मां-बाप की अकेली संतान हैं। अभी वह बीए कर रही हैं साथ ही मॉडलिंग का भी उन्हें शौक है। पंजाबी बाग के टीटी पार्क में हो रही श्री रामलीला कमिटी की डायरेक्टर की ओर से उन्हें सीता की भूमिका निभाने का न्योता मिला। इसके बाद उन्होंने अपने मम्मी-पापा से बात की और परिवार की रजामंदी मिलते ही सीता बनने के लिए हामी भर दी। वह पहली बार सीता बनी हैं। दो महीने की प्रैक्टिस से उन्होंने सीता के सभी डायलॉग याद कर लिए। उन्होंने बताया कि सीता की भूमिका निभाना अच्छा लग रहा है। आगे भी अगर सीता बनने का मौका मिला तो वह इस भूमिका को जरूर निभाएंगी।

साहिबा का कहना है कि उनकी चचेरी बहन तबस्सुम भी इसी रामलीला में कैकेई बनी थी। इसके अलावा जनकपुरी की संपूर्ण लीला में भी कई रोल मुस्लिम कलाकार कर रहे हैं। यहां लंकापति रावण के बेटे मेघनाद की दबंग भूमिका में फैज नजर आ रहे हैं तो फरहान विभीषण बने हुए हैं। इनके अलावा जावेद रावण के मामा मारीच का रोल कर रहे हैं। यहां श्रीराम, सीता और लक्ष्मण आदि का मेकअप करने वाले भी बब्बू खान हैं। इनका कहना है कि कलाकारों की कोई जाति या धर्म नहीं होता। हमें तो बस किसी भी रूप में अपना अच्छे से अच्छा अभिनय करके दिखाना है। और फिर सबसे पहले तो हम इंसान हैं, बाद में कुछ और।

इसके अलावा लालकिला मैदान में हो रही लवकुश रामलीला में कैकेई की भूमिका आसिफा ने निभाई है। इससे पहले वह इसी लीला में सीता का किरदार भी निभा चुकी हैं।

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