हिंदुओं की आखिरी पीढ़ी का अंत!

अमानवीय की हदें लांघ रहे पाकिस्तान में..

हिंदुओं की आखिरी पीढ़ी का अंत! ...

हिंसक हत्याओं, बर्बर अत्याचारों और जबरन धर्मांतरण से मिट रहा नामोनिशान

आंकड़ा चौंकाने वाला नहीं डराने वाला है.. पाकिस्तान में हिन्दू विलुप्त प्राय: हो रहे हैं; स्वात में बचे 100 हिंदू पाकिस्तान में हिंदू आबादी पर लगा पूर्ण विराम है। राजधानी इस्लामाबाद तक हिंदुओं के लिए सुरक्षित नहीं रही है। आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान के 3 करोड़ मुसलमानों में हिन्दुओं की आबादी लगभग 15 से 20 प्रतिशत थी । लेकिन आज  ये कुल आबादी का केवल 1.6 प्रतिशत रह गए हैं। उसी समय तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्‍या 30 प्रतिशत थी जो आज 7 प्रतिशत से भी कम हो गई है। पाकिस्तान में हिन्दुओं की घटी आबादी के पीछे कारण पलायन नहीं बल्कि जबरन धर्मांतरण, लड़कियों से बलपूर्वक शादी और अंतहीन बर्बर, पाशविक अत्याचार है। 

पाकिस्तान में मौजूद हिन्दू आबादी में अनुसूचित जातियां भी शामिल हैं जिन्हें वहां हिन्दू नहीं माना जाता। उल्लेखनीय है कि 1998 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान की जनसंख्‍या 132, 252, 279 थी। इसमें मुस्लिमों का प्रतिशत 96.28 या वहीं ईसाई 1.59 और हिंदू 1.60 प्रतिशत थे। मौजूदा हालात में इस प्रतिशत में और भी कमी आई है क्योंकि स्वात घाटी में तालिबान का कब्जा और शेष पाकिस्तान में हिंदुओं को या तो ईसाई बनने पर मजबूर कर दिया है या भारत में पलायन करने पर। विभाजन के दौरान लगभग 7226000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान पलायन कर गए और लगभग इतने ही 7249000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत पहुंचे। लेकिन दमन और पाशविकता का खेल पाकिस्तान में आजादी के बाद शुरू हुआ जो आज तालिबान की बर्बर दस्तक के साथ अपने चरम पर पहुंच गया है। बंटवारे के पचास साल बाद भी पाकिस्तान में ज्यादातर हिन्दुओं की सामाजिक और आर्थिक हालत अब भी चिंताजनक है। सरकार हिन्दुओं की संख्‍या कम दिखाने के लिए आंकड़ों में भी फेरबदल करती है। थरपाकर में हिन्दू बहुसंख्‍या में हैं लेकिन सरकार ने मुसलमानों का बहुमत दिखाने के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों की संख्‍या क्रमश: 49 और 51 प्रतिशत कर दी है।

पाकिस्तान में सिंध को छोड़कर गांवों के बजाय शहरों में हिंदू आबादी स्वयं को थोड़ा सुरक्षित पाती है। नार्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस में गांवों में हिंदू नगण्य है वहीं शहरों में 0.11 प्रतिशत की मामूली बसावट में सीमित है, फाटा का भी यही मिजाज है यहां शहरों में 0.22, गांवों में 0.03 प्रतिशत हिंदू हैं। पंजाब में शहरों की अपेक्षा गांवों में हिंदू मौजूद हैं तो सिंध में गांवों में 9.77 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 3.09 प्रतिशत हिंदू। बलूचिस्तान में शहरों में 1.58 प्रतिशत हिंदू बचे हैंऔर गांवों में 0.15 प्रतिशत हिंदू हैं। राजधानी इस्लामाबाद में हिंदुओं की आबादी महज 0.3 फीसदी है। 
धर्म बचाएं या जान

पाकिस्तान वहां के हिंदुओं की कब्रगाह भी बनता जा रहा है। स्वात घाटी में बचे-खुचे हिंदू अल्पसंख्‍यकों के आसान शिकार के लिए लाल पगड़ी पहनकर घूमने के तालिबानी आदेश को सिरफिरा समझकर दरकिनार कर दियाजाए तो भी शेष पाकिस्तानी सूबों में हिंदुओं की हालत बेहद खराब है। लगभग 18 करोड़ की आबादी में सैकड़ों पाबंदियों में जकड़े हिंदू अल्पसंख्‍यकों को बराबरी वाले ईसाइयों जितने भी हक हासिल नहीं है। पाकिस्तान में हिन्दुओं को सरेआम मारा-पीटा जाना आम बात है। धर्मांतरण के नाम पर हर वह जुल्म पाक में रहने वाला हिन्दू सहने को मजबूर है जिसे मानवीय व्यवहार बिल्कुल नहीं कहा जा सकता।

जुल्म का आलम यह है कि भारत में छोटी से छोटी साम्‍प्रदायिक घटना पर भी पाकिस्तानी हिन्दुओं की खाल उधेड़ दी जाती है, फिर वह चाहे बाबरी मस्जिद प्रकरण हो, गुजरात के दंगे या फिर कश्मीर घाटी में होने वाली छोटी-मोटी मुठभेड़।

संविधान से कोसों दूर हकीकत

पाकिस्तान के संविधान में कहा गया है कि अल्पसंख्‍यकों के अधिकारों की सरकार को हिफाजत करनी पड़ेगी और उन्हें नौकरियां देनी होंगी लेकिन हकीकत इससे बहुत भिन्न है। हिन्दुओं के बच्चों को स्कूलों में उचित शिक्षा नहीं मिलती और उन्हें ज्यादा नम्‍बर लेने के लिए इस्लाम की शिक्षा हासिल करनी पड़ती है। नौकरियों में भी भेदभाव होता है और प्रतिष्ठित पदों पर हिन्दुओं को नौकरियां नहीं मिलती हैं। बांग्लादेश के 13,000,000 हिन्दू भी ऐसे ही हमलों और अत्याचार के  शिकार हैं। 

न कोई कानून, न सुनवाई

सिंध प्रांत में कई हिन्दुओं की गुमशुदगी दर्ज की गई है। कई गुमशुदगियां अगवा किए जाने की घटनाओं से भी जुड़ी हुई हैं । 9 सितंबर को एक 55 वर्षीय हिन्दू गोवर्धन दास उर्फ जी. एम. भगत को पुलिसकर्मियों ने उठा लिया था। यह घटना उमरकोट जिले की है। प्रवर्तन एजेंसियों ने भगत को गिरफ्‍तार किए जाने की वजह तक नहीं बताई। घटनास्थल सत्र न्यायालय के पास ही था। भगत के पुत्र ओम प्रकाश ने हैदराबाद उच्च न्यायालय में एक मामला भी दर्ज कराया। भगत के उत्पीड़न का मामला संगीन है। इसी तरह 2001 में चेतन कुमार नामक एक हिन्दू को आतंकवादी होने के शक में गिरफ्‍तार कर लिया गया था। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक मानवाधिकार आयोग को ऐसी शिकायत मिली है कि इनमें से कई लोग डर के मारे लापता हो गए हैं। आयोग ने पुलिस को इन मामलों की तहकीकात करने को कहा है। आयोग का कहना है कि इनमें से कई हिन्दुओं को या तो अवैध तरीके से हिरासत में रखा जा रहा है या इनका अपहरण कर लिया गया है। 

2008 में पाकिस्तान की जनसंख्‍या
मुस्लिम- 17.30 करोड़
हिंदू- .32 करोड़
ईसाई- .28 करोड़
अन्य- 20,000

No comments: