ऐसा मालूम होता है कि सब मिलकर 'ओम' कहें, अब अमेरिका में एक नया मंत्र बनता जा रहा है। अमेरिका में मोक्ष का कोई एक मार्ग नही होने और कई धर्मों के असीम शांति के मार्ग पर ले जाने की हिंदू मान्यता पर यकीन रखने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। यह कहना है अमेरिकी समाचार पत्रिका न्यूजवीक का। पत्रिका के आगामी संस्करण के एक लेख में हालिया सर्वेक्षण का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी नागरिक धीरे-धीरे ईश्वर और शाश्वतत्व (सनातन) से जुड़ी सोच के मामले में पारंपरिक रूप से 'कम ईसाई' और 'ज्यादा हिंदू' बन रहे हैं। लेख हम सब हिंदू हैं में इसी वर्ष के सर्वेक्षण का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक 30 फीसदी अमेरिकी खुद को धार्मिक की बजाय आध्यात्मिक बताते हैं। ऐसे अमेरिकियों की संख्या 2005 में 24 फीसदी थी। यह दर्शाता है कि गिरिजाघर के बाहर आध्यात्मिकता खोज रहे लोगों की संख्या बढ़ रही है।
लेख कहता है कि, हिंदू मानते हैं कि ईश्वर की ओर जाने के कई रास्ते हैं। ईसा एक रास्ता है, कुरान दूसरा और योगाभ्यास तीसरा। ऐसा नहीं है कि कोई भी रास्ता दूसरे से श्रेष्ठ है। अधिकतर पारंपरिक और रुढ़िवादी ईसाइयों को इस तरह से सोचने के बारे में भी नहीं सिखाया जाता। लेकिन अमेरिकी अब पुरानी सोच को छोड़ रहे हैं। |
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