भारत का अपमान

ऑस्ट्रेलिया में हरभजन सिंह को लेकर पूरा भारत में तुफान खड़ा हो गया। लगभग सभी जगह से खबर आया की कोई साइमन्डस का पुतला फूका तो कोई एमपाएर को गाली दे रहे थे क्यो ना हो आखिर सवाल भारत की इज्जत का था। कुछ ने तो कहा भारतीय खिलाडी़ को वापस जाना चाहिये। आखिर क्यों ना वापस जाये सवाल भारत की संम्प्रभुता था।

लेकिन ठीक उसी समय भारत की धरती पर ही भारत का अपमान हो रहा था। यह अपमान 24 घंटे चलने वाला खबरिया चैनल वालो के द्वारा हो रहा था। लेकिन किसी ने पूतला नही, जलाया कही बन्द नही, किसी के कान पर जू तक नही रेंगा। कुछ हिन्दु युवको को अगर छोड़ दिया जाये तो इस अपमान के लिये किसी ने एक आसू नही बहाया।

जब सारा हिन्दुस्तान की गली गली में घुम-घुम कर भारत रत्न ढुंढ रहा था। उसी समय NDTV वालों ने हिन्दु देवि-देवता और भारत माता की नग्न चित्र बनाने वाले एम.एफ.हुसैन का नाम भारत रत्न के प्रबल दावेदार के रुप में रखा। और तो और हिन्दुओं के गाल में तमाचा मारते हुये भारत में रहने बाले 85% जनसख्या वाले हिन्दु को ही कहा गया एस.एम.एस. के जरिये एम.एफ.हुसैन को भारत रत्न चुने। उस चैनल का कदम उसके लिये काफी भारी पड़ गया जब कुछ हिन्दु अस्तित्व के रक्षक उस चैनल के दफ्तर पर धावा बोल दिया और तोड़-फोड़ की। मगर एक सवाल यहां यह उत्पन्न होता है कि उस चैनल को ऎसा क्या महसूस हुआ कि हूसैन को भारत रत्न मिलना चाहिये। भारत के उत्थान में उसका क्या योगदान है, यह किसी भारतीय से छुपा नही है। हिंन्दुओं के देवी-देवताओं के आपत्तिजनक चित्र बनाकर सस्ती लोकप्रियता बटोरने और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों को खुश करने के अलावा उसने किया ही क्या है। अगर ऎसे ही लोगो को पुरस्कार देना है तो फिर सलमान रूशदी या तस्लिमा नसरीन के नाम भी आने चाहिये थे। इस के अलावा करुणानिधि को भी प्रवल दावेदार के रुप मे पेश किया गया था जो हिन्दुओ अराध्य भगवान श्री राम के अस्तित्व को मानने से ही इनकार कर दिया था। अगर NDTV को लगता है कि जो हिन्दुओं का अपमान करे या उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करे उसे ही भारत रत्न दिया जाना चाहिये तो NDTV चलाने वालो की बुद्धि पर तरस आता है।

किसी भी विवादस्पद आदमी का नाम भारत रत्न के लिये सुझाना केवल भारत रत्न का अपमान है बल्कि यह पूरे देश का अपमान है। सूचना प्रसारण मंत्रालर को चाहिये की NDTV चैनल को तुरन्त बन्द करे और भारत की जनता से माफी मांगे।

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